तहलका टुडे डेस्क/ज़ामिन आलमपुरी
बाराबंकी।जब राजनीति की दीवारें गिरती हैं और इंसानियत सबसे आगे खड़ी दिखाई देती है, तब दृश्य अपने-आप इतिहास का हिस्सा बन जाते हैं। ऐसा ही भावुक और यादगार पल उस समय देखने को मिला जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद बाराबंकी पहुँचे और जिले की राजनीति के कद्दावर स्तंभ, कई बार सांसद व विधायक रहे रामसागर रावत की तबीयत खराब होने पर उनकी नई सड़क स्थित आवास पर अयादत की।
सांसद अवधेश प्रसाद ने रामसागर रावत का हालचाल जाना, परिजनों से मुलाकात कर उ उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। यह मुलाकात किसी औपचारिक राजनीतिक शिष्टाचार से कहीं आगे बढ़कर मानवीय संवेदना और राजनीतिक संस्कार की मिसाल बन गई।
इस अवसर पर उनके साथ मौजूद रहे डायनेमिक कलेवर के नेता, रुदौली के पूर्व विधायक अली अब्बास जैदी उर्फ रुश्दी मियां, जिनकी पहचान बेबाक और जमीनी राजनीति के लिए है। रुश्दी मियां ने कहा कि रामसागर रावत जी का अनुभव, संघर्ष और सामाजिक समझ आज की राजनीति के लिए अमूल्य धरोहर है।
अयादत में पहुंचे ये प्रमुख लोग
रामसागर रावत की तबीयत की जानकारी मिलते ही उनके आवास पर नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों का तांता लग गया। अयादत के लिए पहुँचे, उनके बेटे पूर्व विधायक राम मगन रावत,हरी मगन रावत मौजूद थे,
इस मौके पर असंदरा के पूर्व प्रधान मोहम्मद अकील जैदी मियां,एक्स सूबेदार मेजर मोहम्मद आरिफ,पूर्व ब्लॉक प्रमुख उर्मिला रावत,धीरज यादव शामिल रहे। सभी ने रामसागर रावत के शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ की।
रामसागर रावत: राजनीति नहीं, जनसेवा का नाम
रामसागर रावत बाराबंकी की राजनीति का वह नाम हैं, जिन्होंने सत्ता को कभी अहंकार नहीं बनने दिया। सांसद और विधायक रहते हुए उन्होंने हमेशा गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े और वंचित समाज की आवाज़ को प्राथमिकता दी। उनकी सादगी, संघर्षशील जीवन और जनसरोकारों से जुड़ी राजनीति ने उन्हें नेता से कहीं ऊपर जननायक का दर्जा दिया।
नई सड़क स्थित आवास पर मौजूद हर शख्स की जुबान पर एक ही दुआ थी—
“पूर्व संसद रामसागर रावत जल्द स्वस्थ हों और फिर से समाज को अपनी दिशा और अनुभव से रोशन करें।”
यह अयादत एक बार फिर साबित कर गई कि
राजनीति जब इंसानियत से जुड़ती है, तब वह दिलों पर राज करती है।
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