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“मौत के कई साल बाद अब मुसलमानो ने समझा, ज़िंदा हैं कलाम साहब की सीख — मुसलमानों में बनने लगे आदर्श, पसमांदा समाज ने यौमे पैदाइश पर आयोजित की प्रेरक गोष्ठी”, वसीम राईन ने कहा – “एक शख्सियत, एक भारत का ताज… हमारी पहचान



तहलका टुडे डेस्क 

बाराबंकी, 15 अक्टूबर।मिसाइल मैन, जनता के राष्ट्रपति और भारत के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की यौमे पैदाइश पर सट्टी बाज़ार स्थित कार्यालय में ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ द्वारा एक प्रेरक गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि कलाम साहब पसमांदा समाज से थे और उन्होंने पूरी दुनिया को यह दिखा दिया कि “मेहनत, इल्म और लगन से ग़रीबी और पिछड़ापन कभी रुकावट नहीं बन सकता।”

उन्होंने कहा कि कलाम की ज़िंदगी ग़रीब और मज़लूम तबक़े के लिए उम्मीद की सबसे बड़ी मिसाल है। उनके मसऊदी, उनके विचार और उनकी साफ़-सुथरी शख़्सियत आज भी नौजवानों को बड़ा सपना देखने और उसे पूरा करने की ताक़त देती है।

🌍 गरीब घर से राष्ट्रपति भवन तक — कलाम का सफ़र

1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम के एक साधारण नाविक परिवार में जन्मे अब्दुल कलाम ने बचपन में अख़बार बाँटकर पढ़ाई की। छोटे से गाँव का यह बच्चा आगे चलकर बना भारत का मिसाइल मैन

उन्होंने ISRO और DRDO में रहकर भारत को मिसाइल और अंतरिक्ष तकनीक में मज़बूती दी।
1974 के परमाणु परीक्षण और 1998 के पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण में उनकी भूमिका निर्णायक रही।
2002 से 2007 तक वे देश के राष्ट्रपति रहे और अपनी सादगी व दूरदृष्टि के कारण “जनता के राष्ट्रपति” कहलाए।

🕊️ कलाम: आज भी ज़िंदा हैं नौजवानों के सपनों में

वसीम राईन ने कहा कि डॉ. कलाम की ज़िंदगी हर उस बच्चे के लिए उम्मीद की किरण है, जो पिछड़े हालात में रहकर भी बड़ा सपना देखता है।
उन्होंने पैग़ाम दिया — “सपनों को पूरा करने का रास्ता मेहनत और इल्म से होकर ही जाता है, और कलाम साहब इस सच्चाई की सबसे बड़ी मिसाल हैं।”

👥 कार्यक्रम में मौजूद रहे

कमाल अंसारी, नसीम ख़ान, मुस्तकीम मलिक, नईम सिद्दीकी, महमूद चौधरी, अरमान राईन, मोहम्मद अयूब क्रांति, मोहम्मद इमरान, जावेद राईन, मुख़्तार अहमद, मुसीर राईन, गुलज़ार कुरैशी, अशफ़ाक़ राईन, मोहम्मद नदीम, रिज़वान राईन, निसार राईन, ग़ुफ़रान राईन, अब्दुल्ला राईन, मोहम्मद शाहरुख, हारून राईन, मोहम्मद आमिर, सब्बू राईन, सलमान राईन, रिज़वान अहमद, रऊफ़ राईन, इकराम राईन, खलील राईन, मोहम्मद आसिफ़, मोहम्मद रियाज़, इस्लामुद्दीन राईन, मोहम्मद आबिद, राजू राईन, हाजी अहमद राईन समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे

👉 डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सिर्फ़ एक नाम नहीं, बल्कि पूरी क़ौम और पूरे हिंदुस्तान के लिए मिसाल, प्रेरणा और आदर्श हैं।
👉 पसमांदा समाज ने उनके यौमे पैदाइश पर यह पैग़ाम दिया –
“कलाम साहब हमारे सर का ताज हैं, और मेहनत-इल्म हमारी असली पहचान।”


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