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भौतिक प्रगति की दौड़ में भी आज Gandhi जी के आदर्श हैं प्रासंगिक: मोहिनी और शाइना ने भाषण प्रतियोगिता में जीते दिल

Tahalka Today Desk 

बाराबंकी। महात्मा गांधी का नाम सुनते ही हमारे मन में सादे कपड़े पहने, हाथ में लाठी लिए, तेजस्वी और विनम्र व्यक्तित्व की छवि उभर आती है। वे केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नेता नहीं थे, बल्कि पूरी मानवता के लिए नैतिकता और सत्य के प्रतीक भी थे। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि बिना हिंसा के भी सबसे बड़ी लड़ाई लड़ी जा सकती है

आज, जब दुनिया तकनीक और भौतिक प्रगति की दौड़ में आगे बढ़ रही है, गांधी जी के आदर्श और भी अधिक प्रासंगिक हो जाते हैं। यह विचार रविवार को गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा गांधी जयन्ती सप्ताह के अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभागी बच्चों ने साझा किए।

इस प्रतियोगिता में जूनियर ग्रुप के बच्चों ने “हमारे जीवन में गांधी” और सीनियर ग्रुप के बच्चों ने “महात्मा गांधी को जैसा मैंने जाना” विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।

जूनियर ग्रुप के विजेता:

  • प्रथम स्थान: साइमा सना – जमील उर रहमान किदवई इस्लामिया गर्ल्स कॉलेज
  • द्वितीय स्थान: शाभ्यम निगम – राजकीय इ. कॉलेज
  • तृतीय स्थान: इल्तिमा अंसारी – पायनियर मांटेसरी हाई स्कूल

सीनियर ग्रुप के विजेता:

  • प्रथम स्थान: मोहिनी गोस्वामी – जमील उर रहमान किदवई इस्लामिया गर्ल्स कॉलेज
  • द्वितीय स्थान: इरम फातिमा – पायनियर मांटेसरी हाई स्कूल
  • तृतीय स्थान: आयुषी वर्मा – जमील उर रहमान किदवई इस्लामिया गर्ल्स कॉलेज

प्रतियोगिता का मूल्यांकन गांधीवादी अध्येता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता शऊर कामिल किदवाई और जिला उपभोक्ता फोरम के पूर्व न्यायिक सदस्य हुमायूं नईम खान ने किया। प्रतियोगिता का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया।

कार्यक्रम में उ.प्र. कोआपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन धीरेन्द्र वर्मा, गांधी ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा, विनय कुमार सिंह, अशोक कुमार शुक्ला, मृत्युंजय शर्मा, नीरज दूबे, अशोक जायसवाल, सत्यवान वर्मा, विजय कुमार सिंह मुन्ना, रणंजय शर्मा, मनीष कुमार, अंकित शर्मा, राजेश यादव सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

प्रतिभागी बच्चों ने अपने भाषणों में गांधी जी के सत्य, अहिंसा और नैतिक मूल्यों की आवश्यकता को उजागर किया, जो आज के भौतिक और तकनीकी युग में भी हमारे जीवन के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं। इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों में गांधी जी के आदर्शों के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि समाज में नैतिक और सुसंस्कृत जीवन के महत्व को भी रेखांकित किया।


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