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🎂 "गोप जी का घर – सियासत का नया बर्थडे सेंटर" 🎂



सदाचारी लाला उमेश चंद्र श्रीवास्तव/मोहम्मद वसीक

"बर्थडे की रस्में और भूख की हकीकत"

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और हर दिल अज़ीज़ कहे जाने वाले अरविंद सिंह गोप का आवास बीते वर्षों से यौमे पैदाइश का अड्डा बन चुका है।
नज़ारा हर बार एक जैसा होता है—
"जिसको देखिए, खोपड़ी उठाए, एक डिब्बा केक और माला लेकर चला आया।"
नेता जी से माला पहनी, अंगवस्त्र ओढ़वाया, केक कटवाया, फोटो खिंचवाकर ,सोशल मीडिया पर वायरल करवा दी।
500 रुपये में “हैप्पी बर्थडे टू यू” का पूरा पैकेज तैयार।

लेकिन सवाल ये है—क्या यही नेता से मोहब्बत है?
क्या यही अकीदत का तरीका है?

🥀 भूख और तहज़ीब का मज़ाक

आज किसी भी बर्थडे पर

  • न कोई नेत्र शिविर लगता है,
  • स्वास्थ्य शिविर का इंतज़ाम होता है,
  • सबील और लंगर का सिलसिला चलता है,
  • न गरीबों को कपड़े बांटे जाते हैं,
  • न बच्चों को फीस और किताबें दी जाती हैं।
  • कि चलिए नेता जी से उसका उदघाटन करवाए।

बल्कि, फुंस-फंसा मक्खन मलाई से भरा एक डिब्बा केक लेकर लोग आते हैं और
गरीबी व भूख की तौहीन करते हैं।

तहज़ीब यह थी कि किसी के जन्मदिन पर गरीबों का पेट भरे, उनकी दुआएँ मिले
मगर अब तहज़ीब यह है कि फोटो खिंचवाओ, ताली बजाओ और वायरल करवा दो।

🌾 असली अकीदत का रास्ता

अगर वाकई नेता जी से अकीदत जतानी है,और उनके घर पर जन्म दिन मनाना है तो।
तो गाँव से आने वाले गरीबों के लिए
टंडन की कचौड़ी के पैकेट और चाय-पानी का इंतज़ाम कर दिया जाए।
क्योंकि ये वो लोग हैं जो इस चौखट पर फोटो खिंचवाने नहीं, बल्कि अपनी फरियाद लेकर आते हैं
भूखा और प्यासा इंसान अगर वहीं रोटी और पानी पा ले,
तो उसकी दुआ ही नेता की सबसे बड़ी कमाई है।

 सच्चाई

नेता का असली कद सोशल मीडिया पर लाइक और कमेंट्स से बड़ा नहीं होता,
बल्कि उन दुआओं से बड़ा होता है जो किसी गरीब के दिल से निकलती हैं।

केक का स्वाद चंद मिनट है,
मगर भूखे के पेट की रोटी – दिन भर की राहत है।

गोप जी का आवास अगर सचमुच हर दिल अज़ीज़ कहलाना चाहता है,
तो उसे बर्थडे फोटो गैलरी से ज़्यादा
गरीबों की उम्मीद का दरबार बनना होगा।

याद रखिए—
सोशल मीडिया की पोस्ट अगले दिन मिट जाती है,
मगर भूखे के पेट भरने से मिली दुआ – हमेशा अमर रहती है।


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