सदाचारी लाला उमेश चंद्र श्रीवास्तव /मोहम्मद वसीक
हैदरगढ़, बाराबंकी: एमडीकेपी लॉ कॉलेज, मकनपुर में शनिवार को एलएलबी त्रिवर्षीय और पंचवर्षीय पाठ्यक्रम के नए शैक्षणिक सत्र का भव्य उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत चंद्र मुख्य अतिथि रहे।
पुस्तकों का ज्ञान और प्रैक्टिकल अनुभव दोनों जरूरी
मुख्य अतिथि पुनीत चंद्र ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि एक सफल अधिवक्ता बनने के लिए केवल किताबों का अध्ययन ही पर्याप्त नहीं है। थ्योरी और प्रैक्टिकल ज्ञान का संतुलन होना जरूरी है। उन्होंने छात्रों को नियमित कक्षाओं में उपस्थित रहने और हर केस की गहन जांच करने की सलाह दी।
अहंकार वकील की सबसे बड़ी कमजोरी
अपने अनुभव साझा करते हुए पुनीत चंद्र ने कहा, “अहंकार किसी वकील की सबसे बड़ी कमजोरी है। वकील का मुख्य कर्तव्य न्याय दिलाना है। याद रखिए, कोई व्यक्ति जन्मजात अपराधी नहीं होता, समाज और परिस्थितियां ही उसे अपराध की ओर ले जाती हैं।”
विधिक मार्गदर्शन से हुई छात्रों की प्रेरणा
कार्यक्रम में प्रवक्ता शिवानी चौहान ने विषय परिचय दिया, जबकि सरिता द्विवेदी ने मुख्य अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया। डॉ. नित्यानंद बाजपेयी ने विधिक क्षेत्र में छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान किया। कॉलेज के अन्य प्रवक्ता और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।
सत्र की शुरुआत हुई मां सरस्वती के आशीर्वाद से
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। समापन पर छात्रों और शिक्षकों ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस मौके पर एडवोकेट पुनीत चंद्र के मार्गदर्शन ने छात्रों को प्रेरित किया और नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को यादगार बना दिया।
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